भारत वर्ष दुनियां का वो देश है जिसमें तमाम मज़हब , तमाम ज़ात , तमाम ज़बानों के लोग आपस में प्यार मोहब्बत से हर सुख दुःख निभाते हुए सदियों से साथ साथ रह रहे हैं | इस मुल्क में बिना किसी तफरीक के कोई भी अपनी बात कहने के लिए आज़ाद है | उसी आज़ादी के तहत कुछ लोग मुल्क को तबाहो बर्बाद करने की साज़िश रच रहे हैं ऐसे लोग इस मुल्क को बर्बाद तो नहीं कर सकते लेकिन कुछ नुकसान ज़रूर पहुंचा सकते हैं | ये मुल्क गंगो जमनी तहजीब वाला मुल्क है इसकी अपनी रवायतें हैं उन रवायतों पर चलकर इस मुल्क को आलिशान बनाया जा सकता है | आईये हम लोग इस मुल्क को तमाम तर साजिशों से बचाते हुए तरक्की की राहों पर लेकर चलें |
इस मौके पर मुझे अल्लामा इकबाल का ये तराना याद आ रहा है
" सारे जहां से अच्छा हिन्दोसिता हमारा ,
हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलसिता हमारा"